एनएच-75 से जुड़े रातू रोड पर 3.57 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर को बनाने में कुल 26 महीनों का समय लग गया. कॉरिडोर का रैंप 600 मीटर लंबा है. इसका निर्माण कार्य नवंबर 2022 में शुरू हुआ था. उस वक्त जनवरी 2025 यानी करीब 22 महीने में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, जमीन अधिग्रहण और कुछ अन्य तकनीकी कारणों से एलिवेटेड कॉरिडोर को पूरा होने में निर्धारित समय से लगभग चार माह का ज्यादा समय लगा.
रातू रोड फ्लाईओवर (एलिवेटेड कॉरिडोर) का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कराया गया है. वहीं, संवेदक के रूप में केसीसी बिल्डकॉन ने निर्माण कार्य पूरा किया है. इसके निर्माण में 400 करोड़ रुपये की लागत (जमीन अधिग्रहण व शिफ्टिंग समेत) आयी है. यह फ्लाईओवर कुल 101 पिलरों पर खड़ा है. इसमें नागाबाबा खटाल से हेहल पोस्ट ऑफिस तक कॉरिडोर के कुल 37 पिलर हैं. वहीं, पिस्का मोड़ से इटकी रोड में 300 मीटर आगे तक कुल 14 पिलर हैं, निर्माण में कुल 102 स्लैब का उपयोग किया गया है.