राजभवन में घुसते ही 6 साल की यादें हो गईं ताजा लगा आ गई हूं अपने घरः राष्ट्रपति
राजभवन में घुसते ही 6 साल की यादें हो गईं ताजा लगा आ गई हूं अपने घरः राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे का आज अंतिम दिन था। आज वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। उनका यह तीन दिवसीय दौरा हर एक झारखंडवासी के लिए बेहद खास रहा। राष्ट्रपति ने ना सिर्फ एक भव्य झारखंड हाईकोर्ट का उद्घाटन किया बल्कि हर किसी के दिल, दिमाग में उन्
द फॉलोअप डेस्कः
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे का आज अंतिम दिन था। आज वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। उनका यह तीन दिवसीय दौरा हर एक झारखंडवासी के लिए बेहद खास रहा। राष्ट्रपति ने ना सिर्फ एक भव्य झारखंड हाईकोर्ट का उद्घाटन किया बल्कि हर किसी के दिल, दिमाग में उन्होंने अपना घर बना लिया। अपने हर संबोधन से उन्होंने सबका दिल जीत लिया। उनकी बातों से झारखंड को लेकर फिक्र और चिंता दिखी। राज्यवासियों के लिए तो यह दौरा बेहद खास और अहम रहा ही लेकिन खुद राष्ट्रपति के लिए भी यह एक सुखद अनुभव रहा। उन्होंने राजभवन के रजिस्टर में अपने अनुभवों को साझा किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि झारखंड आकर उनको कितनी खुशी हुई है। उन्होंने संदेश में बताया है कि झारखंड के राज भवन में रहकर ऐसा लग रहा था जैसे वह अपने घर आ गई हों।
कर्मचारियों की सराहना की
राष्ट्रपति ने पत्र में लिखा है कि "राज भवन रांची के सुंदर परिसर में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। यहां पर प्रवेश करते ही इस भवन में बिताए 6 वर्षों की सुंदर स्मृतियां फिर से जीवंत हो गईं। मैं झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन जी और यहां के लोगों को मेरे स्नेहपूर्ण आदित्थ के लिए हृदय से धन्यवाद देती हूं। यहां की टीम के सभी सदस्यों और कर्मचारियों को सराहना करती हूं, जिनसे मिलकर मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने घर वापस आई हूं। उन सभी के उज्जवल भविष्य के लिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में राज भवन रांची में सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। उन्होंने राष्ट्रपति का आभार जताया। कहा कि राष्ट्रपति के साथ इतने घंटे बिताने के बाद भी यह एहसास नहीं हुआ कि हम देश की राष्ट्रपति के साथ हैं। बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे हम अपने अभिभावक एवं मार्गदर्शक के साथ समय व्यतीत कर रहे हों। राष्ट्रपति का अचानक गाड़ी से उतर कर महिलाओं के बीच जाना उन्हें तमाम संघर्षों के बीच आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना एक अपनत्व का एहसास दिलाता है। निश्चित रूप से राष्ट्रपति का 6 वर्ष झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल एक अभिभावक और मार्गदर्शक के रूप में रहा। झारखंड के राज्यपाल के रूप में इनका कार्यकाल राज्य वासियों के लिए सदैव यादगार रहेगा
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/EUEWO6nPYbgCd9cmfjHjxT Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed