2000 रुपये का नोट बंद होने पर क्यों चर्चा में है ये राज्य यहां के लोग नहीं भरते टैक्स मिली है संविधान से छूट
2000 रुपये का नोट बंद होने पर क्यों चर्चा में है ये राज्य यहां के लोग नहीं भरते टैक्स मिली है संविधान से छूट
Income Tax Free State in India: भारत में केवल एक सिक्किम ही ऐसा राज्य है, जहां के नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं देना होता. उन्हें आर्टिकल 371 एफ के तहत खास रियायत दी गई है. इस छूट पर समय-समय पर अंगुलियां उठती रहती हैं.
हाइलाइट्स2,000 की नोटबंदी ने एक बार फिर से देश में कालेधन पर चर्चा तेज हो गई है. एक वर्ग कालेधन पर लगाम लगाने को कानूनी कमियों को दूर करने की मांग कर रहा है. सिक्किम को इनकम टैक्स से मिली छूट पर भी एक बार फिर बहस शुरू हो गई है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया है. आरबीआई के इस फैसले के नफा-नुकसान को लेकर देशभर में खूब चर्चा हो रही है. साथ ही केंद्रीय बैंक के इस कदम ने इनकम टैक्स चोरी और कालेधन (Black Money) पर भी बहस छेड़ दी है. केंद्रीय बैंक के नोट चलन से बाहर करने के समर्थक और विरोधी, दोनों ही मांग कर रहे हैं कि कालेधन को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार को देश के कानूनों में मौजूद उन सभी ‘छिद्रों’, को बंद करना चाहिए, जो इनकम टैक्स चोरी में सहायक हैं. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय सहित बहुत से लोग ने सिक्किम के लोगों को इनकम टैक्स देने से मिली छूट (Sikkim Income Tax Exemption) को बंद करने की मांग करते रहे हैं.
गौरतलब है कि सिक्किम भारत का ऐसा राज्य है, जहां के मूल निवासियों को इनकम टैक्स देने से छूट मिली हुई है. मतलब यह कि सिक्किम के लोग कितनी भी कमाई करें, उन्हें एक रुपया भी इनकम टैक्स के रूप में नहीं चुकाना होता है. सिक्किम की आबादी का 95 फीसदी हिस्सा मूल निवासियों की श्रेणी में आता है. सिक्किम को इनकम टैक्स में मिली छूट का गलत इस्तेमाल होने की खबरें गाहे-बगाहे आती रहती है. कुछ लोग इसे भारत का टैक्स हैवन भी कहते हैं. सिक्किम के लोगों के नाम बड़ी मात्रा में डीमैट अकाउंट खोलने का मामला भी सामने आ चुका है.
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क्यों मिली है छूट?
वर्ष 1950 में भारत-सिक्किम शांति समझौते के मुताबिक सिक्किम भारत के संरक्षण में आ गया था. भारत गणराज्य में 1975 में इसका पूर्ण विलय हुआ था. सिक्किम शासक चोग्याल थे. इन्होंने वर्ष 1948 में सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल जारी किया था. भारत में विलय की शर्तों में सिक्किमी लोगों को इनकम टैक्स छूट की शर्त भी शामिल थी. इसी शर्त को पूरा करने के लिए भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) में सिक्किम के तहत मूल निवासियों को आयकर से छूट प्रदान की गई है. गौरतलब है कि पूर्वोतर के तमाम राज्यों को संविधान के आर्टिकल 371-एफ के तहत विशेष दर्जा मिला है. इस कारण देश के दूसरे हिस्से के लोगों के लिए इन राज्यों में संपत्ति या जमीन खरीदने पर पाबंदी है.
कोर्ट के फैसले से बढ़ गया दायरा
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद सिक्किम के लगभग 95 फीसदी लोग इस छूट के दायरे में आ गए हैं. पहले यह छूट सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट रखने वालों और उनके वंशजों को ही दी जाती थी. इनको सिक्किम नागरिकता संशोधन आदेश, 1989 के तहत भारतीय नागरिक बनाया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 26 अप्रैल 1975 (सिक्किम में भारत में विलय से एक दिन पहले) तक सिक्किम में रहनेवाले भारतीय मूल के लोगों को भी सिक्किम के मूल निवासी का दर्जा देने के बाद 95 फीसदी आबादी टैक्स के दायरे से बाहर हो गई है.
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Tags: 2000 note, Business news in hindi, Income tax, Income tax exemption, Sikkim NewsFIRST PUBLISHED : May 26, 2023, 16:15 IST Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed